आप इसमें जानेंगे की DDoS Attack क्या है?, DDoS अटैक कैसे काम करता है?,DDoS अटैक का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? DDoS अटैक से कैसे बचा जा सकता है?, DDoS Attack Kya hai aur isse kaise bache
DDoS Attack क्या है? (What is DDoS Attack?)
DDoS Attack को Distributed Denial of Service कहा जाता है. जब यह Attack किसी वेबसाइट पर
किया जाता है तो वह वेबसाइट Down धीरे धीरे हो जाती
है जिससे उस वेबसाइट की Service का
उपयोग नही कर सकते है. सभी वेबसाइट पर Visitors द्वारा विजिट करने की एक सीमा होती है जिसे Bandwidth के नाम
से जाना जाता है. Bandwidth किसी वेबसाइट मे कम तो किसी में ज्यादा होती है.
जैसे की Limit यह होता है की उस पर 1 सेकंड में 100
Visitors आ सकते है परंतु ऐसा न होकर Hackers द्वारा 100
से ज्यादा Fake Requests Server को Send कर देते
है, ऐसे में यह कैपेसिटी से ज्यादा हो जाता है जिससे Website
Down हो जाती है.
ऐसा करने के लिए
हैकर्स की टीम एक नकली आईपी एड्रेस तैयार करती है जिसे बॉटनेट के नाम से जाना जाता
है। इसमें वे स्मार्ट डिवाइस शामिल होते हैं जिन्हें हैकर्स द्वारा बनाया जाता है।
आपका डिवाइस भी बॉटनेट से सब्सक्राइब कर सकता है। फिर हैकर्स इन बॉटनेट्स की मदद
से एक बार में बहुत सारे नकली आईपी एड्रेस से सर्वर को रिक्वेस्ट भेज देते हैं
जिसके कारण वेबसाइट डाउन हो जाती है।
What is DDoS Attack kya hai, ddos attack se kaise bache |
DDoS अटैक कैसे काम करता है? (How does DDoS attack work?)
विभिन्न कंप्यूटर
और उपकरणों का उपयोग करके इस प्रकार के हमले में लक्षित सर्वर पर हजारों रिक्वेस्ट
भेजकर वेबसाइट को डाउन किया जाता है।
ये विभिन्न
क्षेत्रों में हुई मशीनों या सर्वरों का लाभ एक नेटवर्क बनाता है जिसे बॉटनेट कहा
जाता है। प्रत्येक प्रभावित साइट एक बॉट के रूप में लक्षित पर हमला करती है।
इस प्रकार से ये
कुछ ही समय में टारगेट सर्वर पर मिलियन रिक्वेस्ट भेजते हैं, जिसे की साइट सर्वर वेट नहीं पाता और क्रैश हो
जाता है, फिर साइट काम करना बंद कर
देती है।
दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय वेबसाइट PayPal, Visa, Amazon, Netflix और Github (लोकप्रिय कोडिंग वेबसाइट) भी अपनी चपेट में ले चुकी है।
फ़िलहाल में DDoS हमलों की समस्या बहुत कम थी, लेकिन धीरे-धीरे ये बढ़ती गई और 2022 में की तुलना अगर 2003 से की जाये तो यह 90% बढ़ोतरी हुई, यानि कि अब बहुत ज्यादा हमले होने लग गए हैं।
यदि आप चाहते हैं
कि आपकी वेबसाइट पर इस प्रकार की समस्या ना हो तो अब आपकी वेबसाइट के लिए DDoS
सुरक्षा आवश्यक हो गई है।
DDoS अटैक का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? (Why are DDoS attacks used?)
सर्वर की
बैंडविड्थ, डिस्क स्पेस और प्रोसेसर
का समय खत्म करने के लिए।
कॉन्फ़िगरेशन
जानकारी खराब करने के लिए
उपयोगकर्ताओं को
साइट से दूर रखने के लिए
DDoS अटैक के प्रकार
DDoS अटैक को आमतौर पर
तीन फोकस में देखा जा सकता है -
वॉल्यूम आधारित
हमले
प्रोटोकॉल अटैक
एप्लिकेशन लेयर
अटैक
DDoS अटैक से कैसे बचा जा सकता है? (How to protect from DDoS attack?)
DDos हमलों से बचने के
लिए आपको कुछ सुरक्षा रणनीति के साथ अपना वेबसाइट को ddos हमलों के विरुद्ध सुरक्षा करना होगा।
सबसे पहले तो आप
अपने राउटर को सुरक्षित रखने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल कर सकते हैं ऐसे में यह फायेदा होगा की किसी भी आपके आईपी एड्रेस को टारगेट ना किया जायेगा।
अपनी वेबसाइट को DDoS
अटैक से बचाने के लिए कुछ सुरक्षा शर्तों का
इस्तेमाल करेंगे। जैसे कि प्रति सेकंड अनुरोध Request सीमा निर्धारित करना।
ताकि कोई भी ऐसे में कभी भी आपकी
वेबसाइट के सर्वर पर प्रति सेकेंड लिमिट से ज्यादा रिक्वेस्ट सेंड ना कर पाए और जब
ज्यादा रिक्वेस्ट सेंड ही नहीं होगा तो कभी भी सर्वर ओवरलोड भी नहीं होगा।
बड़ी आसानी से
रिक्वेस्ट लिमिट सेट कर करना आसान नहीं है, एक न्यू ब्लॉगर के
लिए, तो यह बहुत मुश्किल काम है।
DDoS से आप अपनी साइट को पूर्णतः सुरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप WAF (वेबसाइट एप्लिकेशन फ़ायरवॉल) सेवा सक्रिय करें।
फ्री और प्रीमियम फायरवाल सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कई ऐसी वेबसाइट और कंपनी है. लेकिन उन सभी में Sucuri.net और CloudFlare की सर्विस बेस्ट है।
यह आप जानते होंगे की क्लाउडफ्लेयर दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त सीडीएन
और फ़ायरवॉल प्रदान करने वाली कंपनी है और सुकुरी को वर्डप्रेस सुरक्षा के लिए
फ़ायरवॉल लीडर माना जाता है।